आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय और मौद्रिक नीतियों के समन्वय पर दिया जोर
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए वित्तीय और मौद्रिक नीतियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए वित्तीय अनुशासन जरूरी है, जबकि आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार आरबीआई की नीतियों में लचीलापन होना चाहिए।
दास ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत को स्थिर और विकासशील अर्थव्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्कता बरतने की बात कही। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास: वित्तीय और मौद्रिक नीति से जुड़े तथ्य
- वर्तमान गवर्नर: शक्तिकांत दास 12 दिसंबर 2018 से भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर हैं।
- मुद्रास्फीति पर फोकस: आरबीआई ने 2024 तक मुद्रास्फीति को 4% के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है।
- समन्वय की भूमिका: उन्होंने वित्तीय और मौद्रिक नीतियों के बेहतर तालमेल पर जोर दिया है।
- डिजिटल मुद्रा: दास ने डिजिटल रुपया (CBDC) का शुभारंभ किया।
- महत्वपूर्ण कदम: उन्होंने कोविड-19 के दौरान लिक्विडिटी इंफ्यूजन और रेपो रेट कट जैसे बड़े फैसले लिए।